मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी हिंदी लिरिक्स:
गीत- साहिर लुधियानवी
गायक- लता मंगेशकर
मिलती है ज़िन्दगी में, मोहब्बत कभी कभी (3)
होती है दिलबरों की इनायत कभी कभी (2)
शरमा के मुँह ना फेर नज़र के सवाल पर (2)
लाती है ऐसे मोड़ पे क़िस्मत कभी कभी (2)
मिलती है ज़िन्दगी में, मोहब्बत कभी कभी
तनहा न कट सकेंगे जवानी के रास्ते (2)
पेश आयेगी किसी की ज़रूरत कभी कभी (2)
मिलती है ज़िन्दगी में, मोहब्बत कभी कभी
फिर खो न जायें हम कहीं दुनिया की भीड़ में (2)
मिलती है पास आने की मोहलत कभी कभी (2)
होती है दिलबरों की इनायत कभी कभी
मिलती है ज़िन्दगी में, मोहब्बत कभी कभी
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया हिंदी लिरिक्स:
फ़िल्म- हम दोनो
कलाकार- देवानंद
गीत- साहिर लुधियानवी
संगीत- जयदेव
गायक- मोहम्मद रफ़ी
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुँऐ में उड़ाता चला गया
हर फ़िक्र को धुँऐ में उड़ा..
बरबादियों का शोक मनाना फ़िज़ूल था
बरबादियों का शोक मनाना फ़िज़ूल था
मनाना फ़िज़ूल था मनाना फ़िज़ूल था
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
बरबादियों का जश्न मनाता चला गया
हर फ़िक्र को धुँऐ में उड़ा..
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
मुकद्दर समझ लिया मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
जो खो गया मैं उसको भुलाता चला गया
हर फ़िक्र को धुँऐ में उड़ा..
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ ना महसूस हो जहाँ
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ ना महसूस हो जहाँ
ना महसूस हो जहाँ ना महसूस हो जहाँ
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं दिल को उस मुक़ाम पे लाता चला गया
मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुँऐ में उड़ाता चला गया
आज फिर तुम पे प्यार आया हिंदी लिरिक्स:
फ़िल्म- दयावान
कलाकार- विनोद खन्ना, माधुरी दीक्षित, फिरोज खान
संगीत- लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गायक- पंकज उधास, अनुराधा पौडवाल
आज फिर तुम पे प्यार आया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है।
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है।
यह भरा शहर में अकेला था
यह भरा शहर में अकेला था
परो था मैं ज़िन्दगी के मेले में
तुम मिले तो पता मिला अपना
उतर मेरे सीने में आ गया
तुमको पाया तो ख़ुद को पाया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है।
मेरी हर साँस में डूबे रहो
यही रात दिन दुआ है मेरी
यही रात दिन दुआ है मेरी
हर ख़ुशीती ज़िन्दगी तु
हर ख़ुशीती ज़िन्दगी तु
आप वही उम्मीद करते हैं आप ही वफ़ा मेरी
मैंने सब कुछ आपको उसी से पाया है
आज फिर तुम पे प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है।
ओ साथी रे तेरे बिना भी क्या जीना हिंदी लिरिक्स:
फ़िल्म- मुक़द्दर का सिकन्दर
कलाकार- अमिताभ बच्चन, जीनत अमान
संगीत- कल्यानजी आनन्दजी
गायक- किशोर कुमार
ला.... ला.... ला....
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
फूलों में, कलियों में, सपनों की गलियों में
फूलों में, कलियों में, सपनों की गलियों में
तेरे बिना कुछ कहीं ना
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
हर धड़कन में प्यास है तेरी, साँसों में तेरी ख़ुशबू है
इस धरती से उस अंबर तक, मेरी नज़र में तू ही तू है
प्यार ये टूटे ना, प्यार ये टूटे ना, तू मुझसे रूठे ना
साथ ये छूटे कभी ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
तुझ बिन जोगन मेरी रातें, तुझ बिन मेरे दिन बंजारे
मेरा जीवन जलती धूनी, बुझे बुझे मेरे सपने सारे
तेरे बिना मेरी, तेरे बिना मेरी, मेरे बिना तेरी
ये ज़िन्दगी ज़िन्दगी ना
तेरे बिना भी क्या जीना
ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
तेरे बिना भी क्या जीना
धन्यवाद।।
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